Anti Semitism Meaning In Hindi

Anti Semitism Meaning In Hindi

 

 

Anti Semitism Meaning In Hindi
                Anti Semitism Meaning In Hindi

 

Meaning In Hindi =“यहूदी विरोधी भावना”

एंटी-सीमिटिज़म (Anti-Semitism) का हिंदी में अर्थ और महत्व

आधुनिक विश्व में धर्म, भाषा, संस्कृति और जाति जैसे विभिन्न पहलुओं से युक्त एकता के लिए लड़ाई लगाने की ज़रूरत है। हम सभी विभिन्न समूहों, संस्कृतियों और जीवन शैलियों से संबंधित हैं और इस भीड़तंत्र में सभी का सम्मान करना हमारे लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, अंतर्राष्ट्रीय मानवीय सम्मेलनों और संगठनों ने भौतिकता, धर्मीकरण और जातीवाद के खिलाफ एक गहरे संवाद को बढ़ावा दिया है। एक ऐसा मुद्दा जिसका विशेष रूप से जिक्र किया जाता है, वह है “एंटी-सीमिटिज़म” या “यहूदियों के खिलाफ द्वेष”।

 

 

एंटी-सीमिटिज़म शब्द का उत्पत्ति
एंटी-सीमिटिज़म शब्द का उत्पत्ति

 

एंटी-सीमिटिज़म शब्द का उत्पत्ति

शब्द “एंटी-सीमिटिज़म” ग्रीक शब्द “सेमीटिक” से आया है, जो यहूदी, अरबी, फिनिशिया और इथियोपियन जैसे भाषा परिवारों को संदर्भित करता है। इस शब्द का प्रथम उपयोग 19वीं सदी में जर्मनी में हुआ था, जहां यह एक विरोधी-यहूदी आंदोलन को चिह्नित करने के लिए उपयोग किया गया था। यह आंदोलन नाज़ि पक्ष के बढ़ते हुए विचारधारा का हिस्सा था, जिसके नेतृत्वकारियों ने यहूदियों के खिलाफ हिंसक कदम उठाए थे।

एंटी-सीमिटिज़म का अर्थ और विस्तार

एंटी-सीमिटिज़म एक ऐसी भावना या विचारधारा है जो यहूदियों के प्रति अपनाहट, आक्रोश या घृणा को व्यक्त करती है। यह एक पुरानी समस्या नहीं है, बल्कि इतिहास में कई सदियों से उपस्थित है। एंटी-सीमिटिज़म का दुरुपयोग करने वाले लोग यहूदियों को उनकी धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक विशेषताओं के कारण नकारते हैं और उन्हें दुनिया की समस्याओं का कारण बनाने का प्रयास करते हैं।

एंटी-सीमिटिज़म के प्रकार

एंटी-सीमिटिज़म विभिन्न रूपों में प्रकट होता है। इसमें से कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

भाषिक एंटी-सीमिटिज़म:

इसमें यहूदियों को भाषाई या शब्दिक ढंग से नकारा जाता है। यह यूँ दिखता है कि वे एक निश्चित धर्म या भाषा के अनुयायी होते हैं और उन्हें समाज में विशिष्ट अलगाव के अभिशाप के रूप में चिह्नित किया जाता है।

धार्मिक एंटी-सीमिटिज़म:

इसमें यहूदियों के धर्म, रीति-रिवाज़ और सांस्कृतिक विशेषताओं को अवमानित किया जाता है। उन्हें कुख्यात, अनैतिक और अधर्मी बताने का प्रयास किया जाता है।

सामाजिक एंटी-सीमिटिज़म:

इसमें यहूदियों को समाज में विभिन्न अधिकारों से वंचित रखने और उन्हें समाज के अभिवृद्धि में नहीं शामिल करने का प्रयास किया जाता है।

राजनीतिक एंटी-सीमिटिज़म:

राजनीतिक मंचों में यहूदियों को नकारा जाता है और उन्हें राजनीतिक प्रक्रियाओं और नौकरीयों से बाहर रखने का प्रयास किया जाता है।

एंटी-सीमिटिज़म के प्रभाव

एंटी-सीमिटिज़म के प्रभाव विशाल होते हैं और समाज और राजनीति दोनों पर गहरा असर डालते हैं। इसके कुछ मुख्य प्रभाव निम्नलिखित हैं:

विभाजन:

एंटी-सीमिटिज़म एक समाज में भीड़तंत्र और भेदभाव को बढ़ाता है जो समूहों के बीच एकाधिकारीता और असमानता को पैदा करता है।

धार्मिक द्वेष: एंटी-सीमिटिज़म धार्मिक द्वेष को बढ़ाता है और सभी धर्मों के बीच सम्मान और समरसता को कम करता है।

मानसिक स्वास्थ्य: एंटी-सीमिटिज़म का शिकार होने वाले व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है, जिससे उन्हें अकेलापन, दिलासा और आत्महत्या की चिंता हो सकती है।

नौकरी और रोजगार:

एंटी-सीमिटिज़म के कारण यहूदी लोगों को कुछ स्थानों पर नौकरी और रोजगार प्राप्त करने में परेशानी हो सकती है।

राजनीतिक प्रभाव:

एंटी-सीमिटिज़म राजनीतिक वातावरण को भी बदल सकता है, जो दलीयता, दुर्भावना और संघर्ष को बढ़ा सकता है।

एंटी-सीमिटिज़म के खिलाफ लड़ाई

 

Leave a Comment