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पंचतंत्र:
नैतिकता का संग्रहशाली स्रोत
पंचतंत्र एक प्राचीन भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण और सर्वोत्तम संग्रह है, जो नैतिकता, सत्य, और ज्ञान के सूत्रों को सिखाता है। यह संग्रह भारतीय साहित्य का अनमोल हिस्सा है जिसने समय के साथ सभी वयस्क और बच्चों को समझाने के लिए अपनी रचनाओं का प्रयोग किया है। इसके मूल संक्षेप में कहावत “जानिए कौन से साधु की संगति से दूर रहें” है।
पंचतंत्र के रचयिता आचार्य विष्णुशर्मा थे, जो भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा के अनुसार महाराज कौटिल्य (चाणक्य) के शिष्य थे। इस संग्रह को आपसी संबंधों, व्यवहारिक जीवन के मुद्दों और व्यापारिक समस्याओं को सुलझाने के लिए बनाया गया था।
पंचतंत्र:
भारतीय साहित्य का रत्न
पंचतंत्र भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसका नाम संस्कृत शब्द ‘पञ्च’ और ‘तन्त्र’ से आया है, जिनका अर्थ होता है ‘पाँच कथाओं का संग्रह।’ इसे आचार्य विष्णुशर्मा ने संस्कृत भाषा में लिखा था और यह ग्रंथ भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न भागों में नैतिकता और ज्ञान को बोध करता है।
पंचतंत्र के कथाएँ भारतीय संस्कृति, नैतिकता, और धार्मिकता के प्रतिष्ठित सिद्धांतों को विस्तार से प्रस्तुत करती हैं। इसमें संघर्ष, मित्रता, विवेक, और बुद्धिमानी की कहानियाँ दी गई हैं, जो सभी उम्र के लोगों को आकर्षित करती हैं।
पंचतंत्र के प्रमुख पाँच किस्से हैं:
- मित्रभेद: इस कथा में दो सगे भाई एकदिवसीय सम्राट बनने के लिए लड़ते हैं, जिससे वे खुद को धैर्य और समझदारी से संभाल पाते हैं।
- लब्धप्रणाश: यह कथा एक साधू व्यक्ति की है, जो अपनी समझदारी से एक व्यापारी को अपने दोस्त को चीजों की नेकी का सबक सिखाता है।
- कागज की हंसी: इस कथा में एक बुद्धिमान कौआ होता है, जो एक मूर्ख कौए को अपने होशियारी से खगोलविद्या का पाठ पढ़ाता है।
- सिंह और मूषक: इस कथा में एक सिंह और एक मूषक के बीच की दोस्ती दर्शाई गई है, जो वे अपने दोस्त के साथ विश्वासघात करने से बचाते हैं।
- संगतिकरण: यह कथा एक बुद्धिमान नायक और एक सुंदर साधू की है, जो दुनियाभर के लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाते हैं।
पंचतंत्र के किस्से न केवल मनोरंजक होते हैं बल्कि इनमें नैतिक मूल्यों की प्रेरणा और ज्ञान का बोध होता है। इसलिए, यह ग्रंथ भारतीय संस्कृति का एक अनमोल रत्न माना जाता है और आज भी लोग इसे आकर्षिती से पढ़ते हैं।
पंचतंत्र के किस्से विभिन्न पशुओं, पक्षियों, और मनुष्यों के चरित्रों के माध्यम से जानवरों की दुनिया के साथ मनुष्यों के अध्यात्मिक और सामाजिक संबंधों को प्रस्तुत करते हैं। इन कहानियों के जरिए वे विभिन्न मूल्यों और नैतिक सिद्धांतों को बताते हैं जैसे कि एकता, सजगता, सहायता, बुद्धिमानी, और अनुशासन।
इन कहानियों में एक पंचतंत्रिक चारित्रिक जानवर, लोमड़िका, हिरण, सिंह, कौआ, और बंदर इत्यादि के माध्यम से मनुष्य के गुण और दोषों का सटीक वर्णन किया गया है। जीवन के समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रेरक उपाय भी दिए गए हैं।
पंचतंत्र के यह किस्से बच्चों के मस्तिष्क में नैतिकता के बीज बोने में मदद करते हैं। यह उन्हें अलग-अलग परिस्थितियों में उचित और गलत का विवेचन करने की क्षमता प्रदान करता है। ये कहानियां उन्हें एक रोचक और मनोरंजक रूप में नैतिक सिखवाती हैं जो कि उनके व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में उन्हें सही और गलत के बीच से फर्क करने में मदद करती हैं।
पंचतंत्र एक ऐसा संग्रह है जिसमें ज्ञान, सत्य, और नैतिकता के सूत्रों को सरलता से प्रस्तुत किया गया है। इसमें भावपूर्ण कहानियां, सटीक उदाहरण, और सार्थक संदेश हैं जो हर व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण सबक का सामान हैं।
इस तरह, पंचतंत्र हमें अपने प्राचीन संस्कृति की अमूल्य धरोहर को समझने में मदद करता है और नैतिक शिक्षा के लिए एक संपूर्ण स्रोत के रूप में सामाजिक और आध्यात्मिक समृद्धि को सुनिश्चित करता है। यह संग्रह न केवल बच्चों के लिए बल्कि हर उम्र के व्यक्ति के लिए एक अनमोल सम्पत्ति है जो नैतिकता की महत्वपूर्ण शिक्षा प्रदान करती है।
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